Friday, May 7, 2010

सच-सच कहें फिर शादी करें

दूध और पानी जब मिलते हैं तो एक हो जाते हैं। प्रीत की सुंदर रीति देखिए कि यदि कपट की खटाई उसमें पड़ गई तो सारा रस चला जाता है। विवाह प्रेम का ऐसा ही मिलन है जिसमें दो अस्तित्व पानी और दूध की तरह मिल जाते हैं। यदि इस मिलन की बुनियाद ही झूठ पर टिकी हो तब! तब प्रेम और विश्वास का यह मिलन दूध की ही तरह फट जाता है जिसे दोबारा पहले जैसा बनाना संभव ही नहीं है। 

शादियों का मौसम शुरू हो चुका है। रिश्ते को जोड़ने से पहले सबसे पहले ध्यान रखें कि आपस में कोई भी ऐसी बात दबी-छुपी हो जो विवाह के बाद आपके साथी की मानसिक परेशानी का कारण बन जाए। आप उन्हें सबकुछ बता दें। इसके बाद आपकी जिम्मेदारी समाप्त। अब यह आपके साथी की इच्छा पर निर्भर है कि वह आपको उसी स्थिति में स्वीकार करता है या नहीं। 

किसी को पाने की इच्छा में आपका और आपके परिवार द्वारा किसी बात को छिपाया जाना कपट, झूठ और विश्वासघात की श्रेणी में आएगा। यदि आप ऐसा सोचते हैं कि एक बार शादी हो जाने दो सब ठीक हो जाएगा, तो आप गलत हैं। जीवन की लंबी दूरी तक साथ चलने के लिए चुने गए हमसफर से आप कुछ भी नहीं छुपा पाएँगे। आप कैसे हैं यह आपके व्यवहार से देर-सबेर पता चल ही जाएगा। 

इसलिए इस बंधन में बँधने के पूर्व अच्छे माहौल में निष्कपट विचार-विमर्श कीजिए। बता डालिए सब कुछ कि आप क्या हैं, क्या चाहते हैं, आपकी क्या पसंद-नापसंद है, और जितना कुछ है मन में। आपका साथी यदि आपके प्रति वाकई में वफादार रह सकता है तो आपके गुणों-अवगुणों सभी के साथ आप उसे पसंद होंगे। हाँ, किन मुद्दों पर विशेष रूप से आपको चर्चा करनी है उसकी सूची हम आपको दे रहे हैं। 

कहाँ रहना है? :- 
बहुत सी महिलाएँ अपनी निजता और स्वतंत्रता की सुरक्षा के लिए ससुराल से अलग रहना पसंद करती हैं। पर आपको अपने इस आइडिया को अच्छे माहौल में डिस्कस करना चाहिए। यदि आपने अपने करियर या सपनों को लेकर अलग शहर, अलग देश या अलग रहना पसंद किया है तो इस बारे में भी खुलकर बात हो जानी चाहिए। 

अधिकतर पुरुष अपने करियर में उन्नति के लिए या प्रमोशन के प्रलोभन में यह अपेक्षा रखते हैं कि उनकी पत्नी और परिवार उनका अनुसरण करें। इससे रिश्तों में दरार आती है। सुमित और प्रिया का ही उदाहरण लें। शादी के कुछ ही महीनों बाद सुमित को लगा कि उसका करियर भारत में कुछ स्थिर सा हो गया है। उसी समय उसे स्पेन में चांस मिला, लेकिन प्रिया स्पेन नहीं जाना चाहती थी। लिहाजा दोनों के रिश्तों में बेवजह खटास आ गई।

मेडिकल हिस्ट्री के विषय में करें बात :- 
मेघा और उसके परिवार ने उसके मिरगी रोग के विषय में मोहित से छुपाया था। शादी के 7 महीने बाद आए मिरगी के दौरे के बाद मोहित को यह बात पता चली। उसने स्वयं को छला महसूस किया, तभी से उनके जीवन में तनाव व्याप्त है। वह घर और बाहर दोनों ही जगह सामान्य जिंदगी नहीं जी पा रहा। 

अब बात तलाक तक पहुँच चुकी है पर यह भी आसानी से नहीं हो सकता क्योंकि मेघा माँ बनने वाली है। कहीं न कहीं मोहित के मन में मेघा के प्रति कोमल भावनाएँ हैं, लेकिन फिर बार-बार उसे यह बात आहत करती है कि उससे सब छुपाया गया और वह इस रिश्ते के प्रति सहज नहीं पाता। 

आपके लक्ष्य क्या हैं? :- 
शादी से पहले आप अपने करियर और लक्ष्यों पर भी बात कर लें क्योंकि आपको एक हाउसवाइफ की तरह रखने की अपेक्षा भी आपके पति की हो सकती है। जबकि हो सकता है कि आप अपने करियर के प्रति गंभीर हों। बाद में ऐसी बातें अक्सर विवाद का कारण बनती हैं। 

वित्तीय मसले भी सुलझाएँ :- 
यह एक ऐसा मुद्दा है जिस पर अक्सर लोग संकोच के कारण बात नहीं कर पाते। बाद में इस विषय पर की गई अतिरिक्त सुरक्षा अविश्वास का कारण बनती है। श्वेता ने शादी के कुछ ही समय बाद अपनी बचत और बैंक अकाउंट्स के मामले में कुछ अधिक सुरक्षा बरतनी शुरू कर दी। जिससे उसके और निमेष के बीच मतभेद उभरने लगे। 

निमेष श्वेता के इस व्यवहार से कुछ अस्वाभाविक महसूस करने लगा। जबकि श्वेता का कहना था कि ये अकाउंट ही मेरी सुरक्षा है। अगर मैं इनको लेकर सतर्क नहीं रही तो भविष्य में मुश्किल आने पर कहाँ जाऊँगी? इसका एक मतलब यह भी है कि उसे भविष्य को लेकर निमेष पर भरोसा नहीं है और निमेष इसी बात को लेकर असहज महसूस करता है। 

उन दोनों ने पहले इस पर कभी भी बात नहीं की। इसलिए अब दोनों के बीच अविश्वास का माहौल बना हुआ है। इसलिए तनख्वाह से लेकर, बचत तथा जमापूँजी के बारे में पहले ही निःसंकोच बात करें ताकि आगे जाकर ये छोटी-छोटी बातें आपके रिश्ते में दरार न डाल सकें। 

धर्म और आध्यात्मिक विश्वास :- 
सबीना और संस्कार का प्रेम विवाह है। दोनों आपसी सहमति से अपना-अपना धर्म मानते हैं। बात यहाँ तक तो ठीक थी, लेकिन शादी के एक साल बाद ही उनके यहाँ आए नन्हे मेहमान के धर्म को लेकर दोनों में मतभेद पैदा हो गया है। स्कूल में दाखिले के समय संस्कार की चाह है उसका बच्चा अपने धर्म के कालम में हिन्दू ही लिखे जबकि सबीना अपने धर्म के लिए ख्वाहिश रखती है। जाहिर है आगे जाकर ये टकराव बच्चे को भी असमंजस और तनाव ही देगा। 

अतीत के जीवन का पर चर्चा :- 
अतीत के विषयों पर बिल्कुल पारदर्शिता बरती जानी चाहिए। क्या छुपाया जाना है और क्या बताना है यह आपके विवेक पर निर्भर है। इंटरनेट और नेटवर्किंग साइट्स पर आपको विशेष सावधानी बरतनी है, क्योंकि अध्ययन बता रहे हैं कि ये भी संबंध-विच्छेद का बड़ा कारण सिद्ध हो रहे हैं। 

ध्यान रखें ये जो अतीत होता है, वर्तमान और भविष्य पर हमेशा भारी पड़ता है। सभी जोड़ों के बीच असहमति के बिंदु होते हैं, लेकिन मुद्दों के प्रकार और प्रबलता आपके शादीशुदा जीवन की संगतता को परिभाषित करते हैं। संतुलन नहीं है तो जीवन नर्क हो जाता है और यदि आप अपने साथी को छोड़ते हैं तो उस अंतराल को पाटना दोनों के लिए अति दुखद होता है। निश्चित रूप से कई अनजान मुद्दों से भी आप अपने विवाह के बाद रूबरू होते हैं पर कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर शादी से पहले स्पष्ट बात हो जानी आवश्यक है।

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