Friday, May 7, 2010

सालगिरह मनाएँ अनूठे अंदाज में

19 वीं शताब्दी के मध्य में शादी के 25 वर्ष या 50 वर्ष पूरे होने पर शादी की रजत व स्वर्ण जयंती मनाने की परंपरा खूब चर्चित हुई। इसके कुछ समय बाद डायमंड जुबली मनाने का सिलसिला भी शुरू हो गया। कई देशों में लोग आज भी रजत, स्वर्ण, डायमंड जुबली को ही जानते व खास मानते हैं और इसे एक उत्सव की तरह मनाते हैं। 

कई तो इस दिन अपनी पत्नी को मौके से जुड़ी धातुएँ जैसे चाँदी, सोना या हीरे आदि की चीजें भी भेंट करते हैं। लेकिन अगर इससे पहले आपको कॉटन, स्टील, सिल्क, क्रिस्टल जुबली आदि मनाने का मौका मिले तो बदलते समय के साथ लोगों ने अपनी सालगिरह मनाने के तरीके अपना लिए हैं।

जैसे 25वीं सालगिरह के साथ चाँदी, 50वीं वर्षगाँठ के साथ सोना व 60वीं वर्षगाँठ पर हीरे जैसी कीमती धातुओं के नाम जुड़े हैं, वैसे ही अन्य सालगिरह के साथ भी अलग-अलग तरह की चीजों का नाम जुड़ा हुआ है। जैसे पहली वर्षगाँठ के साथ जुड़ा है कागज। इस दिन आप अपने प्रिय को कागज से बनी कोई चीज भेंट कर सकते हैं। 

दूसरी वर्षगाँठ को कॉटन जुबली की तरह मनाते हुए इस दिन कॉटन की कोई चीज उपहार में दी जा सकती है। तीसरे साल है लेदर। इस साल पति अपने पत्नी को या पत्नी अपने पति को लेदर से बनी कोई चीज भेंट करें तो मुस्कान दोनों के चेहरे पर आ जाएगी। चौथी वर्षगाँठ पर लिनन और पाँचवीं वर्षगाँठ पर लकड़ी से बनी चीज दी जा सकती है। 

छठे वर्ष से जुड़ा है लोहा। सातवीं सालगिरह को ऊन व आठवें साल कांस्य से बनी चीज तोहफे में दी जा सकती है। नौवीं वर्षगाँठ पर दे सकते हैं मिट्टी से बनी कोई चीज। 10वें साल से जुड़ा है टिन या एल्युमीनियम।

11वें साल से जुड़ी चीज का नाम है स्टील। अगर आपकी पत्नी हाउसवाइफ हैं तो स्टील से बनी कई चीजों से आप उन्हें खुश कर सकते हैं। हम 25 वर्ष पूरे होने पर सिल्वर जुबली मनाते हैं लेकिन ठीक 13 साल पहले 12वें वर्ष सिल्क जुबली नहीं मनाते। अगर यह साल भी सेलीब्रेट करने का मन है तो सिल्क से बनी चीज के साथ सालगिरह मनाई जा सकती है। 

13वें साल लैस यानी फीता या डोरी देने की परंपरा अपना सकते हैं। 14वाँ साल थोड़ा मुश्किल रहेगा क्योंकि 'हाथी दांत' ढूँढ़ना बेहद मुश्किल होगा। 15वीं वर्षगाँठ से जु़ड़ी चीज का नाम क्रिस्टल है। आप 15वें साल अपनी क्रिस्टल जुबली सेलीब्रेट कर सकते हैं। 

सिल्वर जुबली मनाने के 5 वर्ष बाद यानी 30वीं सालगिरह पर पर्ल (मोती) 35वीं सालगिरह पर कोरल (मूँगा) व 40वीं वर्षगाँठ पर रूबी जुबली मना सकते हैं। गोल्डन जुबली मनाने से पूर्व 45वें साल में नीलम जुबली मनाने का मौका मिलेगा।

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